Speakasia washes its hand from the scheme that promised return of Rs 4000

Dainik Bhaskar 27th June 2011 2nd Page 
11 हजार की स्कीम कभी लॉन्च ही नहीं की : स्पीक एशिया

रायपुर.ऑनलाइन बिजनेस का दावा करने वाली स्पीक एशिया ने 11 हजार जमाकर हर महीने 4-4 हजार रुपए लौटाने की योजना से पूरी तरह से पल्ला झाड़ लिया है।

कंपनी के सीईओ तारक बाजपेयी ने रविवार को राजधानी में आयोजित कार्यक्रम में दो टूक शब्दों में कहा कि इस तरह की स्कीम कंपनी ने कभी लांच ही नहीं की थी। कंपनी के अधिकृत बयान के बाद यह बात लगभग साफ हो गई है कि स्कीम में 50 करोड़ रुपए से ज्यादा रकम लगाने वाले हजारों लोगों की रकम डूब गई है।

रविवार को शहीद स्मारक में कंपनी के सीईओ तारक बाजपेयी ने निवेशकों से सीधे बात की। उन्होंने कहा कि कंपनी का केवल ऑनलाइन बिजनेस का काम है। जुलाई से कंपनी नया बिजनेस शुरू करने वाली है। इस के लिए ऑनलाइन ट्रेनिंग की शुरुआत की गई थी। इसमें 11 हजार रुपए देने के बाद हर महीने सेलरी के तौर पर चार हजार रुपए वापस किए जाते थे। यह निवेश वाली योजना नहीं थी।

जो मेहनत करेगा, उसे पैसा मिलेगा

कंपनी के सीईओ और सेमिनार के मुख्य वक्ता तारक बाजपेयी ने बताया कि कंपनी का ऑनलाइन शॉपिंग प्रोग्राम एमवे, युरेका फोब्र्स, आरएमसी आदि कंपनियों जैसा होगा। इसमें मेंबरों को कंपनी की ओर से उपलब्ध करवाए गए प्रोड्क्टस की बिक्री करनी होगी।

बिक्री के आधार पर उन्हें कमीशन दिया जाएगा। निवेशकों को जानकारी देने के लिए कंपनी की ओर से प्रदेश के सभी जिलों में इस तरह के सेमिनार आयोजित किए जाएंगे। रविवार की शाम को ही दुर्ग में भी इस तरह का सेमिनार आयोजित किया गया।

हर सवाल का जवाब

दोपहर लगभग 2 बजे तक चले सेमिनार में निवेशकों ने कंपनी के अधिकारियों से खुले मंच में कई तरह के सवाल-जवाब किए।

सवाल: कंपनी रुपए लेकर फरार है?

जवाब: कंपनी भाग गई है तो हम यहां मंच पर क्या कर रहे हैं।

सवाल: हर महीने चार हजार रुपए क्यों नहीं आ रहे हैं?

जवाब: कंपनी ने ऐसी स्कीम लांच ही नहीं की है। 11 हजार रुपए ट्रेनिंग देने के एवज में लिए गए थे, जिसे हर माह सैलरी के रूप में वापस किया गया।

सवाल: लाखों रुपए निवेश करने वालों को क्यों नहीं बताया गया कि केवल 11 हजार रुपए जमा करने हैं?

जवाब: लोगों ने भले ही एक समय में लाखों रुपए निवेश किए हैं, लेकिन कंपनी के पास वो कई आईडी के रूप में पहुंचता था। ऐसे में कंपनी क्या कर सकती है।



Same news in English 
Raipur: The Speak Asia, Asia’s largest community of sovereign consumers, has washed its hand from the scheme that promised return of Rs 4000 a month and share of profit on an investment of Rs 11000.
Giving a shock to the number of investors, CEO of Speak Asia Tarak Vajpayee on Sunday told that the company had never launched any such scheme.    
Talking the investors, Vajpayee said that the company is just involved in online business. “Those who give business will get return,” said Vajpayee. 
"We do not say or believe that anyone can pay us Rs 11,000 and earn X amount of rupees. That is not our promise."
After media investigation into the false claims made by the firm, Vajpayee had earlier apologised for misleading subscribers.
For over a year now, the company has been collecting large sums of money, rapidly luring and enrolling lakhs of people all the time, assuring them of phenomenal returns, while all that they had to do was simply fill out some online surveys.
But suddenly Speak Asia is backtracking on all its get rich quick claims.
The latest development is bad news for over 19 lakhs people who have signed up and paid money to Speak Asia in the hope that it would multiply.
The police have already begun tightening the noose on the agents of Speak Asia, which has till now accumulated more than Rs 100 crore from people in Raipur and other cities in the state.
                                                                  
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